- by Amit Kumar Gond
- 2025-10-08 13:45:23
स्वदेशी इनक्रेडिबल न्यूज़
चूंकि कैंसर का इलाज बहुत महंगा है और इसलिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए कैंसर का इलाज कराना बहुत चुनौतीपूर्ण है। यही कारण है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के कई मरीज कैंसर के इलाज का खर्च वहन करने में सक्षम नहीं हैं। इन्हीं मुश्किलों के समाधान करने के लिए *हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका, गोरखपुर, ने **मुख्य चिकित्सा अधिकारी- कुशीनगर, एवं प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक- जिला संयुक्त चिकित्सालय, कुशीनगर, के सहयोग से जिला संयुक्त, कुशीनगर, के प्रांगण में आज दिनांक 11 जुलाई 2025 दिन शुक्रवार को प्रातः 10:00 बजे से शाम 3:00 बजे तक* एक नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जिसमें 203 लोग अपनी विभिन्न शारीरिक परेशानियों को दिखाने आए। सबसे ज्यादा दिखाने वाले पुरुषो में मुंह, फेफड़े, पेट, प्रोस्टेट, पैर में गांठ कमर और पैर में दर्द, पाचन और पेशाब करने में दिक्कत आदि की समस्या से ग्रसित थे जबकि महिलाओं में स्तन की गांठ, गर्भाशय, मुंह, अंडाशय, पित्त में परेशानी आदि में कैंसर होने के शक की वजह से जांच कराई। अस्पताल के चिकित्सक डॉ. सी. पी. अवस्थी ने सहायक चिकित्सक डॉ. राकेश श्रीवास्तव की मदद से बारी बारी हरेक मरीज़ की परेशानी को समझकर संबंधित लक्षण की जांच की तथा उसका मूल्यांकन कर उचित सलाह और परामर्श दिया। कैंसर के प्रकार एवं उनके लक्षण के दुर्दांत रोग कैंसर के विषय में मरीजों एवं उनके परिजनों को प्रशिक्षण तथा इलाज के बारे में जानकारी दी गई। अस्पताल की तरफ से सभी मरीजों को उनकी जरूरत अनुसार नि:शुल्क दवाई दी गई।
इस अस्पताल से संबंधित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं तथा यहां आए सभी लोगों को बुलाकर कैंसर जागरूकता अभियान के तहत डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने उनको बताया गया कि कैंसर से छुटकारा पाने के लिए कैंसर का उचित इलाज सही समय पर उत्कृष्ट तरीके से करना चाहिए - जैसे स्तन कैंसर का इलाज ऑन्कोसर्जरी, रेडियोथेरेपी, नियोएडजुवेंट कीमोथेरेपी, हार्मोनल थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी आदि द्वारा किया जाता है। शिविर प्रबंधक अजय श्रीवास्तव ने बताया कि ये कैंसर शिविर इसलिए आयोजित किए जाते हैं ताकि लोगों को पता चले कि कैंसर से बचने के लिए क्या करना चाहिए, कैंसर के लक्षण दिखने पर समय पर और अच्छा इलाज कैसे कराया जाए और इसके सफल इलाज के बाद क्या किया जा सकता है - जैसे हमें पता होना चाहिए कि स्तन कैंसर के मरीज यदि स्तन कैंसर का इलाज बंद करने के 6 महीने से 2 साल बाद तक पुनरावृत्ति न हो तो वो गर्भधारण के लिए प्रयास कर सकते हैं। तंबाकू, गुटका, खैनी, दोहरा, धूम्रपान, हुक्का, शराब आदि का सेवन न करके कैंसर से बचा जा सकता है। महिलाओं को अपने स्तन तथा बच्चेदानी की नियमित जांच करते रहना चाहिए। नई ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एच० पी० वी० वैक्सीन) का कम कीमत और उच्च निर्माण क्षमता की सुविधा भारतीय महिलाओं में सर्विकल कैंसर को खत्म करने में महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करता है। यह सर्विकल कैंसर को रोकने और जीवन बचाने में महत्वपूर्ण हथियार इसलिए ऐसे टीकाकरण के लिए लड़कियों को आगे आना चाहिए। उपस्थित महिला कर्मियो को स्तन परीक्षण की स्वयं तकनीक बताई ताकि वह हर 15 दिन पर खुद जांच करती रहें और यदि कोई गांठ या सीने में दर्द होता है तो तुरंत एक कैंसर चिकित्सक से मिले ताकि उसका सफल इलाज हो सके।
सभी लोगो को कैंसर से संबंधित IEC (सूचना शिक्षा संचार) सामग्री जैसे पत्रक, विवरण पुस्तिका, फ्लिपबुक, पोस्टर, लीफलेट/चित्रों के साथ पैम्फलेट आदि वितरित किया गया ताकि वे अपने क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित कर और लोगो को कैंसर के बारे मे जागरुक कर सकें जिससे हम साथ मिलकर कैंसर से लड़कर उसको जीतने न दें।
शिविर आयोजन को सफल बनाने में में डॉ. राकेश शाही (प्राचार्य-स्वशसी राजकीय मेडिकल कॉलेज), प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिलीप कुमार, डॉ. राकेश श्रीवास्तव, डॉ. रूचिका सिंह, अजय श्रीवास्तव, सत्यवती तिवारी, ज़ैनूलफ्डीन, नारद मुनि, अतुल पांडे, रामसूरत सिंह अस्पताल के डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों आदि का काम बहुत ही प्रशंसनीय रहा।
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Er. Shakti Shankar Singh (Chief Editor)