- by Mahtab Alam
- 2025-12-13 18:42:32
स्वदेशी इनक्रेडिबल न्यूज़
गोरखपुर।
नगर निगम गोरखपुर के सभापति पवन कुमार त्रिपाठी ने SIR (नागरिकता से संबंधित सूची) को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम और अफवाहों पर जनता से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ दलाल और असामाजिक तत्व जानबूझकर यह गलत प्रचार कर रहे हैं कि SIR न बनवाने पर लोगों को देश से बाहर कर दिया जाएगा, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
सभापति ने कहा कि SIR का आधार वर्ष 2003 है, जिसे सरकार द्वारा मानक माना गया है। जिन लोगों के परिवार का नाम वर्ष 2003 की सूची में दर्ज है, वे उसी का हवाला देकर अपना SIR फॉर्म भर सकते हैं। इसमें किसी भी प्रकार के भय या भ्रम की कोई बात नहीं है।
उन्होंने बताया कि जो लोग वास्तव में स्थानीय निवासी हैं, उनके परिवार के किसी न किसी सदस्य का नाम वर्ष 2003 की सूची में अवश्य मिलेगा। वहीं, जो बाहरी लोग बाद में आकर यहां बसे हैं, उनके लिए यह मानक लागू होता है। लेकिन इसका यह अर्थ कतई नहीं है कि किसी को जबरन देश से बाहर किया जाएगा।
पवन कुमार त्रिपाठी ने यह भी स्पष्ट किया कि SIR फॉर्म भरते समय वर्तमान में कोई अतिरिक्त दस्तावेज़ नहीं मांगा जा रहा है। केवल वर्ष 2003 की सूची में दर्ज नाम, भाग संख्या और पारिवारिक संदर्भ का ही उल्लेख किया जा रहा है।
जन्म प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र या अन्य दस्तावेज़ों को लेकर जो बातें फैलाई जा रही हैं, वे पूरी तरह भ्रामक हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ दलाल जन्म प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज़ बनवाने के नाम पर लोगों से पैसे वसूलने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। सभापति ने महानगर की जनता से अपील की कि किसी भी दलाल, अफवाह या भ्रामक प्रचार में न आएं और केवल अधिकृत प्रक्रिया के माध्यम से ही SIR आवेदन करें।
अंत में उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया सभी समुदायों के लिए समान है और इसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जा रहा। जो लोग यहां के मूल निवासी हैं, उनके अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं।
सतर्क रहें | जागरूक रहें | सही जानकारी साझा करें
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Er. Shakti Shankar Singh (Chief Editor)