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मनरेगा योजना में बड़ा घोटाला: मजदूरों की फर्जी हाज़िरी, फर्जी भुगतान, डीसी, बीडीओ, एपीओ के मिलीभगत का खुलासा, डीएम से शिकायत

इस खबर के स्पोंसर है सॉफ्टनिक इंडिया, शाही मार्केट, गोलघर, गोरखपुर


**मनरेगा योजना में बड़ा घोटाला?

करंडा ब्लॉक के सुआपुर गांव में फर्जी हाज़िरी और भुगतान का आरोप, डीएम से शिकायत**

गाज़ीपुर।
करंडा ब्लॉक के सुआपुर ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के तहत हुए कार्यों में बड़े पैमाने पर अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए हैं। जिलाधिकारी अविनाश कुमार को भेजी गई एक शिकायत में डीसी मनरेगा विजय यादव, बीडीओ करंडा सुवेदिता सिंह, एपीओ नितीश सिंह, जेई संजय सिंह और ग्राम प्रधान पर व्यापक वित्तीय गड़बड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।

शिकायतकर्ता अमित उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत तथ्यों के अनुसार मनरेगा फंड की हेराफेरी कर गरीब मजदूरों के हक पर गंभीर चोट पहुंचाई गई है। मामले के उजागर होने के बाद प्रशासन और ब्लॉक स्तर पर हड़कंप की स्थिति है।


शिकायत में लगाए गए प्रमुख आरोप

शिकायतकर्ता के अनुसार मनरेगा कार्यों में निम्न अनियमितताएँ पाई गईं—

  • मस्टररोल में फर्जी नाम दर्ज कर भुगतान जारी।

  • एक ही मजदूर की फोटो का प्रयोग दर्जनों मस्टररोल में हाज़िरी के लिए।

  • GPS लोकेशन के बिना फर्जी एंट्री कर लाखों रुपये की निकासी।

  • कार्यस्थल पर सूचना पट्ट, रजिस्टर एवं रिकॉर्ड उपलब्ध न होना।

  • शिकायत के बावजूद DC मनरेगा और अन्य अधिकारियों द्वारा कार्रवाई न करना।

  • अखबारों में लगातार खबरें छपने के बाद भी संदिग्ध भुगतान जारी रहना।

शिकायतकर्ता का आरोप है कि पंचायत स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक कई अधिकारियों और ग्राम प्रधान की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता हुई है।


शिकायतकर्ता की डीएम से मांग

अमित उपाध्याय ने जिलाधिकारी को भेजे पत्र में निम्न मांगें की हैं—

  • पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।

  • डीसी मनरेगा, बीडीओ करंडा, एपीओ व जेई मनरेगा की भूमिका की गहन जांच की जाए।

  • दोषी पाए जाने पर निलंबन एवं FIR की कार्रवाई की जाए।

  • जांच रिपोर्ट की प्रति उन्हें लिखित रूप में उपलब्ध कराई जाए।


गाज़ीपुर में मनरेगा की ‘लूट मशीन’ बेनकाब?

सुआपुर गांव में सामने आया यह मामला जिले में मनरेगा योजना के सबसे बड़े संभावित घोटालों में से एक बताया जा रहा है। यदि आरोपों की जांच में पुष्टि होती है, तो यह गाज़ीपुर में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर गंभीर प्रश्न खड़ा करेगा।

जिलाधिकारी कार्यालय से इस मामले पर आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार है। शिकायत की जांच प्रारंभ होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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Er. Shakti Shankar Singh (Chief Editor)

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