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रुत्बा नहीं कानून — नगर निगम के ‘रंगबाज़’ अभियंता 14 वर्षों के बाद अदालत के शिकंजे में !

इस खबर के स्पोंसर है सॉफ्टनिक इंडिया, शाही मार्केट, गोलघर, गोरखपुर


गोरखपुर : न्याय मांगने से नही मिलता बल्कि हासिल करना पड़ता है । अपने आप को परम धुरंधर, बेइंतहा जंगजू और बेहद “रंगबाज” समझने वाले नगर निगम गोरखपुर के तत्कालीन “अवर अभियंता’ अशोक कुमार सिंह ने लगभग 15 वर्ष पहले यह सोचा भी नही था कि “आपराधिक साजिश” के मामले में 14 साल बाद भी वे रगड़ दिए जाएंगे और कोर्ट उन्हें अपने सामने खींच लाएगी । जब कोई यह भ्रम पाल ले कि उसका रुतबा, उसका पद, उसकी पहुँच ही कानून है, तब न्याय की देरी हर दिन उस “रंगबाज” से अपनी भूल का ब्याज वसूलता है ।

न्याय की चौखट पर धौंस का ध्वंस…

नगर निगम के तत्कालीन अवर अभियंता अशोक कुमार सिंह का भ्रम बुरी तरह टूट चुका है । खुद को बेहद रंगबाज समझने वाले साहब को यह कहां मालूम था कि 14 साल के बाद भी उनका कर्मकांड और उनका “ओवर कॉन्फिडेंस” उन्हें अपराध की कब्रगाह तक खींच लाएगा

Support India to emerge as a knowledge society by identifying and nurturing the inner strength of youth and rural people, so that India can be transformed into a developed nation..

Er. Shakti Shankar Singh (Chief Editor)

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