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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, गोरखपुर

इस खबर के स्पोंसर है सॉफ्टनिक इंडिया, शाही मार्केट, गोलघर, गोरखपुर


 

मध्य प्रदेश में अमरकंटक की तरह उप्र में भी ओबरा और अनपरा में ज्वाइंट वेंचर समाप्त कर उत्पादन निगम को परियोजनायें देने की मांग : राज्य के उत्पादन निगम को देने से 35-40 पैसे प्रति यूनिट तक सस्ती मिलेगी बिजली

        विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, गोरखपुर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मा० योगी आदित्यनाथ जी से मांग की है कि ओबरा और अनपरा में लग रही नई बिजली इकाइयों को ज्वाइंट वेंचर के स्थान पर प्रदेश के व्यापक हित में राज्य विद्युत उत्पादन निगम को दिया जाय।

          संघर्ष समिति ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा विगत सप्ताह लिए गए कैबिनेट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश सरकार ने अमरकंटक बिजली घर में जॉइंट वेंचर समाप्त कर नई बनने वाली इकाई मध्य प्रदेश के उत्पादन निगम को देने का निर्णय लिया है।

       संघर्ष समिति ने कहा है कि मध्य प्रदेश की कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय तकनीकी दृष्टि से सर्वथा उपयुक्त और उचित है। उत्तर प्रदेश में भी जॉइंट वेंचर समाप्त कर राज्य के उत्पादन निगम को ओबरा डी और अनपरा ई परियोजनाओं को सौंपा जाये तो बिजली की उत्पादन लागत 35 से 40 पैसे प्रति यूनिट तक कम हो जाएगी।

         विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, गोरखपुर के पदाधिकारियों पुष्पेन्द्र सिंह, जीवेश नन्दन, जितेन्द्र कुमार गुप्त, सीबी उपाध्याय, प्रभुनाथ प्रसाद, संगमलाल मौर्य, इस्माइल खान, संदीप श्रीवास्तव, करुणेश त्रिपाठी, राजकुमार सागर, विजय बहादुर सिंह एवं राकेश चौरसिया आदि ने आज यहां बताया कि मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने 28 मार्च 2023 को यह निर्णय लिया था कि अमरकंटक ताप बिजली घर में 660 मेगावाट की नई बिजली इकाई ज्वाइंट वेंचर में एस ई सी एल (कोल इंडिया लिमिटेड) के साथ लगाई जाएगी। 

       संघर्ष समिति ने मध्य प्रदेश सरकार के आदेश की प्रति जारी करते हुए बताया कि मध्य प्रदेश के बिजली कर्मचारियों की संघर्ष समिति ने इसका विरोध किया था और अंततः ढाई साल के बाद मध्य प्रदेश की कैबिनेट ने अपने ही निर्णय को संशोधित करते हुए अब यह निर्णय लिया है कि अमरकंटक ताप बिजली घर की नई इकाई ज्वाइंट वेंचर में नहीं लगाई जाएगी और इसे मध्य प्रदेश का विद्युत उत्पादन निगम लगाएगा।

     उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश की तरह उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने 27 जुलाई 2023 को यह निर्णय लिया था कि 2×800 ओबरा डी और 2×800 अनपरा ई ताप बिजली परियोजनाओं को ज्वाइंट वेंचर में एनटीपीसी के साथ लगाया जाएगा। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में एक बात समान थी कि राज्य के उत्पादन गृह में पहले से चल रही इकाइयों के साथ ज्वाइंट वेंचर को अनुमति दी गई थी जो विवाद का मुख्य कारण है। राज्य के उत्पादन निगम की चल रही इकाइयों के साथ ज्वाइंट वेंचर में नई परियोजना लगाने का निर्णय पूरे देश में और कहीं नहीं लिया गया है।

      संघर्ष समिति ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यतः 6 बिंदुओं को आधार मानते हुए जॉइंट वेंचर का अपना दो साल से अधिक पुराना निर्णय संशोधित कर नई इकाई जॉइंट वेंचर की जगह राज्य के उत्पादन निगम को देने का निर्णय लिया है।

      संघर्ष समिति ने बताया कि छह बिंदुओं में सबसे बड़ा बिंदु यह है कि राज्य का उत्पादन निगम यदि एक्सटेंशन प्रोजेक्ट बनाएगा तो परियोजना की कई कामन फैसेलिटीज को देखते हुए बिजली की उत्पादन लागत ज्वाइंट वेंचर की तुलना में 35 से 40 पैसे प्रति यूनिट कम हो जाएगी। 

     इसके अतिरिक्त एक ही परिसर में उत्पादन निगम और ज्वाइंट वेंचर की परियोजनाएं रहने से कई प्रकार की परिचालकीय दिक्कतें उत्पन्न होने की संभावना व्यक्ति की गई थी। एक ही परिसर में दो स्वामित्व की परियोजनाएं रहने से भविष्य में अनेक प्रकार के कानूनी विवाद खड़े होने की स्थित आ सकती है। 

     ऑपरेशनल डिफिकल्टीज में सबसे बड़ी समस्या रेलवे से कोल् ट्रांसपोर्टेशन की और ऐश डिस्पोजल की सामने आने वाली है। एक ही रेलवे ट्रैक होने से कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है कि परियोजना के लिए कोयला अनलोड करने में अनावश्यक विलंब होगा।

      संघर्ष समिति ने कहा कि ओबरा डी और अनपरा ई परियोजनाओं के लिए कोयला खदान के मुहाने से (coal pit head ) कोयला लिंकेज नहीं मिल पाया है और 500 से 700 किलोमीटर दूर से कोयला लाने के कारण ज्वाइंट वेंचर में बिजली की उत्पादन लागत बहुत अधिक बढ़ने की संभावना है।

     राख का डिस्पोजल एक बड़ी समस्या होने जा रही है। सामान्यत: एक ही ऐश पौंड होने से बहुत ही दुरूह स्थिति उत्पन्न होने की संभावना व्यक्त की गई है।

       संघर्ष समिति ने बताया कि इन मुख्य बातों को संज्ञान में लेते हुए मध्य प्रदेश की कैबिनेट ने जॉइंट वेंचर का प्रस्ताव निरस्त कर दिया है और परियोजना राज्य के उत्पादन निगम को दे दी है।

     संघर्ष समिति ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने जिन बातों की आशंका व्यक्त करते हुए ज्वाइंट वेंचर को निरस्त करने का निर्णय ढाई साल के बाद लिया लगभग वही परिस्थितियां उत्तर प्रदेश में भी ओबरा और अनपरा में है।

     संघर्ष समिति ने कहा कि इन स्थितियों को देखते हुए प्रदेश को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को तत्काल ज्वाइंट वेंचर निरस्त करने का निर्णय लेना चाहिए अन्यथा विलंब होने से और अधिक नुकसान होने की संभावना है।

 

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Er. Shakti Shankar Singh (Chief Editor)

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