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गांव-गांव जाकर शिक्षा की अलख जगा रहे सत्येन्द्र बारी

इस खबर के स्पोंसर है सॉफ्टनिक इंडिया, शाही मार्केट, गोलघर, गोरखपुर


जहां एक ओर राजनीति में दिखावे और मंचीय भाषणों का दौर चल रहा है, वहीं दूसरी ओर सत्येन्द्र बारी जैसे नेता समाज के लिए एक मिसाल बनकर उभरे हैं।

गांव-गांव जाकर बुज़ुर्गों का दुख-दर्द सुनना हो या युवाओं को जागरूक करना, सत्येन्द्र बारी हर मोर्चे पर सक्रिय हैं। एक ग्रामवासी की जुबानी, "बहुत मंत्री अईलन गईलन, लेकिन हम पहिला अईसन नेता देखली जे एक-एक बुढ पुरनिया के पास जा के ओकरा दुख-दर्द जानत बा।" इस बयान से साफ है कि सत्येन्द्र बारी की जनसेवा कितनी ज़मीनी है।

शिक्षा और युवाओं के हक की बुलंद आवाज

भारतीय जनता पार्टी के इस नेता ने अपनी पहचान केवल राजनीति तक सीमित नहीं रखी, बल्कि शिक्षा, समाज और युवाओं के अधिकारों के लिए सतत आवाज उठाई है।
सत्येन्द्र बारी ने गांव-गांव जाकर शिक्षा की अलख जगाई और युवाओं में सामाजिक चेतना का संचार किया।

उनकी बुलंद आवाज़ और स्पष्ट सोच ने लाखों युवाओं को प्रभावित किया है। उन्होंने अपने जीवन को समाज सेवा को समर्पित कर दिया है। वे हमेशा सर्व समाज के हक, अधिकार और सम्मान की बात करते हैं – डर और दबाव से परे।

एक ऐसा नेता, जो केवल राजनीति नहीं, समाज की बात करता है

सत्येन्द्र बारी न केवल राजनीतिक मुद्दों की बात करते हैं, बल्कि समाज के हर तबके की बात हिम्मत और ईमानदारी से रखते हैं। वे जहां भी जाते हैं, वहां लोगों को जागरूकता, शिक्षा और हक की लड़ाई के लिए प्रेरित करते हैं।

यही कारण है कि आज तेज़ी से एक बड़ा तबका उनके साथ जुड़ रहा है
उनकी यह स्वीकार्यता और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि जनता को आज भी ईमानदार, ज़मीन से जुड़े और जुझारू नेताओं की तलाश है।

Support India to emerge as a knowledge society by identifying and nurturing the inner strength of youth and rural people, so that India can be transformed into a developed nation..

Er. Shakti Shankar Singh (Chief Editor)

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