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विश्व भूख मुक्ति दिवस पर डिजिटल सखियों ने किया राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन

इस खबर के स्पोंसर है सॉफ्टनिक इंडिया, शाही मार्केट, गोलघर, गोरखपुर


गोरखपुर | विश्व भूख मुक्ति दिवस के अवसर पर एल&टी फाइनेंस और बाइफ लाइवलीहुड्स संस्था द्वारा संचालित डिजिटल सखी परियोजना के अंतर्गत पिपराइच ब्लॉक की डिजिटल सखियों ने एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में देशभर से विशेषज्ञ, प्रखंड स्तर के अधिकारी, समाजसेवी और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. मोहम्मद नईम (समाज कार्य विभाग, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी) ने कहा कि भुखमरी न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। उन्होंने मार्मिक अंदाज़ में कहा, "भूखे बच्चे को चुप कराने के लिए एक मां ने जब पानी को देर तक पकाया," यह एक गहरी संवेदना है, जिसे हम सभी को समझने की जरूरत है।

कृषि विभाग की योजनाएं और सखियों का योगदान:

पिपराइच ब्लॉक के एडीओ कृषि दशरथ भारती ने बताया कि कृषि सखियों द्वारा मृदा नमूना संग्रहण, मौसमी फसलों का सर्वेक्षण तथा किसानों को एफ.पी.ओ. से जोड़ने जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। डिजिटल सखियां इस दिशा में सराहनीय भूमिका निभा रही हैं।

समाजसेवियों का योगदान और विचार:
बनारस से आए समाजसेवी चंद्र भूषण मिश्र कौशिक ने "अन्नदान के साथ संकल्प दान" की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को संकल्प लेना चाहिए कि समाज में कोई भी भूखा न रहे। वहीं, पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता व समाजसेवी कुमुद रंजन सिंह ने खाद्य सुरक्षा कानूनों की चर्चा करते हुए कहा कि स्थानीय स्तर पर योजनाओं को ठीक से लागू करके भूखमरी को समाप्त किया जा सकता है।

स्थानीय सहभागिता और महिलाओं की भागीदारी:
कार्यक्रम का संचालन कर रही ज्वाइंट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर गीता कौर ने बताया कि डिजिटल सखी परियोजना गोरखपुर के पांच ब्लॉकों में सक्रिय है। विशेष रूप से महिलाओं को डिजिटल साक्षरता, सरकारी योजनाओं की जानकारी एवं उद्यमिता के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।

इस वेबिनार में ग्राम स्तरीय डिजिटल सखियों जैसे अंजनी विश्वकर्मा (सारंडा), अनीता यादव (चिल्बिवा), रंजना यादव (उनौला दोयम), अनुष्का गौड़ (गोपालपुर), सुधा देवी (सोनवे गुनराह), शीला देवी (लुहासी), गायत्री सिंह (इस्लामपुर), प्राची पांडेय (पिपरा मुगलान), मीना देवी (नैयापार), पूजा मिश्रा (हेमधापुर), एवं ज्योति भाटिया (कर्मैना) ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

समापन संदेश:
कार्यक्रम में "हम उतना ही लें थाली में, व्यर्थ ना जाए नाली में" जैसे विचारों के साथ भूख मुक्ति का संकल्प लिया गया। डिजिटल सखियों की भूमिका को सभी वक्ताओं ने सराहा और उन्हें बधाई दी।

Support India to emerge as a knowledge society by identifying and nurturing the inner strength of youth and rural people, so that India can be transformed into a developed nation..

Er. Shakti Shankar Singh (Chief Editor)

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