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बुद्ध पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित हुआ विशेष कार्यक्रम

इस खबर के स्पोंसर है सॉफ्टनिक इंडिया, शाही मार्केट, गोलघर, गोरखपुर


बुद्ध पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित हुआ विशेष कार्यक्रम
प्रधानाचार्य डॉ. राजेश सिंह बोले – "तथागत गौतम बुद्ध ने मानव से मानव को जोड़ने का कार्य किया"

गोरखपुर। सरस्वती शिशु मंदिर (10+2), पक्कीबाग, गोरखपुर में बुद्ध पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. राजेश सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि "तथागत भगवान गौतम बुद्ध ने मानवता की राह दिखाई और मानव से मानव को जोड़ने का कार्य किया। उन्होंने मानव धर्म को ही सबसे बड़ा धर्म बताया, जिसे अपनाकर उन्होंने पूरी दुनिया में शांति, करुणा और भाईचारे का संदेश फैलाया।"

डॉ. सिंह ने कहा कि "बुद्ध कोई एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचार हैं। उनके विचारों में ही संपूर्ण मानवता का कल्याण निहित है। दुख है, उसका कारण है और उसका निवारण भी संभव है – यह सिद्धांत उन्होंने मध्यम मार्ग के माध्यम से दिया, जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है।"

उन्होंने जानकारी दी कि आज बुद्ध के विचारों को मानने वाले विश्व के लगभग 50 देशों में फैले हैं, जिनमें भारत, नेपाल, श्रीलंका, भूटान, म्यांमार, जापान, कोरिया, वियतनाम और कंबोडिया प्रमुख हैं। बुद्ध धर्म, जो आज विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है, पूरी तरह विज्ञान पर आधारित है।

डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि भगवान बुद्ध का जन्म लुंबिनी में हुआ था, उन्हें बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई, सारनाथ में पहला उपदेश दिया और कुशीनगर में उन्होंने निर्वाण प्राप्त किया। उनका जीवन श्रावस्ती में बिताए गए वर्षों से भी अत्यंत प्रेरणादायी रहा।

अंत में उन्होंने सभी उपस्थितों से आग्रह किया कि "बुद्ध के विचारों को जन-जन तक पहुंचाएं और उन्हें अपने जीवन में उतारें, यही बुद्ध पूर्णिमा का वास्तविक संदेश है।"

इस अवसर पर विद्यालय के समस्त शिक्षक, छात्र और स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे और कार्यक्रम को श्रद्धा भाव से संपन्न किया।

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Er. Shakti Shankar Singh (Chief Editor)

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