- by Amit Kumar Gond
- 2025-06-09 15:23:02
स्वदेशी इनक्रेडिबल न्यूज़
गोरखपुर | विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के तत्वावधान में संचालित शिशु शिक्षा समिति, गोरक्ष प्रान्त की विद्वत परिषद की एक दिवसीय प्रान्तीय कार्यशाला आज सरस्वती शिशु मन्दिर, पक्कीबाग, गोरखपुर में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुई।
कार्यशाला में प्रदेश निरीक्षक श्री राम सिंह जी ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में शिक्षा में नैतिक मूल्यों की महत्ता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “शिक्षा किसी भी राष्ट्र की दिशा और दशा तय करती है, और उसी अनुरूप समाज का निर्माण होता है।” उन्होंने कार्यशाला के उद्देश्य को रेखांकित करते हुए बताया कि यह आयोजन भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और शिक्षा के माध्यम से समाज में जागरूकता लाने हेतु किया गया है। साथ ही, उन्होंने पांच प्रमुख कर्तव्यों — कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, नागरिक कर्तव्य, सामाजिक समरसता तथा स्वयं का बोध — की भी चर्चा की।
प्रान्त संयोजक श्री राज बिहारी विश्वकर्मा ने पी.पी.टी. के माध्यम से विद्वत परिषद की भूमिका को विस्तार से समझाया। उन्होंने अधिक से अधिक समाज के लोगों को परिषद से जोड़ने, मातृशक्ति की भागीदारी बढ़ाने और जनजागरण के माध्यम से सामाजिक भ्रांतियों को दूर करने पर बल दिया।
विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. राजेश सिंह ने कहा कि कार्यशाला ने शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में संगठन की प्रतिबद्धता को पुनः प्रमाणित किया है। उन्होंने इसे शिक्षा प्रणाली को सशक्त बनाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।
इस अवसर पर गोरक्ष प्रान्त के विभिन्न विद्यालयों के विद्वत प्रमुख आचार्य उपस्थित रहे और अपने विचार साझा किए।
यह कार्यशाला न केवल शिक्षकों के लिए एक प्रेरणा बनी, बल्कि शिक्षा और समाज के बीच एक मजबूत सेतु के रूप में उभरी।
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Er. Shakti Shankar Singh (Chief Editor)