- by Mahtab Alam
- 2025-06-08 12:07:25
स्वदेशी इनक्रेडिबल न्यूज़
लखनऊ। उत्तराखंड गेस्ट हाउस, लखनऊ में 27 अप्रैल को आयोजित बारी महाकुंभ अब विवादों के केंद्र में आ गया है। समाज को एकजुट करने के उद्देश्य से आयोजित इस बड़े कार्यक्रम के बाद आयोजकों की चुप्पी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, महाकुंभ के लिए 11 सदस्यीय टीम गठित की गई थी, जिसका कार्य आयोजन की हर गतिविधि पर नज़र रखना था। लेकिन कार्यक्रम समाप्त होने के बाद न तो इन सदस्यों ने कोई बयान दिया और न ही उठते सवालों पर कोई स्पष्टीकरण।
मीडिया से टकराव
जब एस आई न्यूज के प्रधान संपादक द्वारा महाकुंभ से जुड़े विवादों पर सवाल पूछे गए, तो आयोजक अजय आर्य के भाई आशीष आर्य ने सोशल मीडिया पर उन्हें दलाल कह कर संबोधित किया। यह टिप्पणी पत्रकारिता के चौथे स्तंभ का अपमान मानी जा रही है।
इतना ही नहीं, कार्यक्रम के दौरान के सी रावत नामक व्यक्ति ने रिपोर्टिंग को रोकने का प्रयास किया, जो प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार है। आरोप है कि आयोजकों ने मीडिया पर दबाव बनाकर खबरों को दबाने की कोशिश की।
राजा शिवदीन सिंह बारी के वंशज पर विवाद
महाकुंभ के दौरान राजा शिवदीन सिंह बारी के वंशज को लेकर भी भ्रम की स्थिति देखने को मिली। एक पक्ष मंच पर विराजमान था, जबकि दूसरा, जो लंबे समय से समाज द्वारा वंशज माना जाता रहा है, बाहर प्रदर्शन कर रहा था। यह स्थिति समाज को असमंजस में डालती है।
विवादों की सूची
1. वंशज विवाद: राजा शिवदीन सिंह बारी के असली वंशज को लेकर दो पक्षों में टकराव।
2. सत्येंद्र बारी का अपमान: उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य को सम्मान न देना।
3. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फोटो का दुरुपयोग: बिना अनुमति बैनर-पोस्टर पर सीएम की तस्वीर का उपयोग कर डोनेशन लेना।
एस आई न्यूज का रुख
एस आई न्यूज ने हमेशा बारी समाज की आवाज को प्रमुखता दी है और समाजहित में निर्भीक पत्रकारिता की है। बारी समाज की जनता हमें अपना चैनल मानती है, और हम उस विश्वास को टूटने नहीं देंगे।
यह विशेष रिपोर्ट जारी रहेगी — हर विवाद की गहराई तक जाकर, सच सामने लाया जाएगा।
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Er. Shakti Shankar Singh (Chief Editor)