स्वदेशी इनक्रेडिबल न्यूज़ में आपका स्वागत है

शुल्क वृद्धि के विरोध में अभाविप ने कुलपति को दिया 5 सूत्री ज्ञापन

इस खबर के स्पोंसर है सॉफ्टनिक इंडिया, शाही मार्केट, गोलघर, गोरखपुर


अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, गोरखपुर विश्वविद्यालय इकाई द्वारा गोरखपुर विश्वविद्यालय में हो रहे बैक पेपर फॉर्म, परीक्षा फार्म, टी.सी, माइगरेशन जैसे अन्य विद्यार्थियों द्वारा विश्वविद्यालय में दिये जाने वाले शुल्क में बेतहाशा वृद्धि के विरोध में गुरुवार को अपना 5 सूत्री ज्ञापन कुलपति को सौंपा और शुल्क वृद्धि का विरोध किया तथा इस वृद्धि को तत्काल प्रभाव से कम करने कि मांग की।

दी.द.उ गोरखपुर विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के पंजीकरण, परीक्षा फार्म, बैक पेपर, अंकपत्र तथा उपाधि के संशोधन हेतु विलम्ब शुल्क तथा ट्रांसफर सिर्टिफिकेट (टी.सी ), माईग्रेशन तथा प्रोविजनल हेतु निर्धारण शुल्क की समिति बैठक में विद्यार्थियों द्वारा देय इन सभी शुल्क में दोगुना वृद्धि का प्रस्ताव पारित। इसके उपरांत जो टी.सी, माईग्रेशन और प्रोविजनल देय शुल्क विद्यार्थियों के लिए 200 रुपय था उसमें 150 % की वृद्धि कर 500 रुपय कर दिया गया,वर्तमान तक बैक पेपर का फार्म भरते समय प्रति छात्र सैमेस्टर मात्र 500 रुपय शुल्क लिया जाता था उसमें वृद्धि कर प्रति छात्र प्रति पेपर 500 रुपय का फरमान इस समिति बैठक में पारित किया गया।विश्वविद्यालय व महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा अब पंजीकरण विलम्ब शुल्क के रूप में 500 रुपय प्रति छात्र तथा दूसरे अवसर पर इसमें 100 प्रतिशत की वृद्धि कर 1000 रुपय व तीसरे अवसर पर 1500 रुपय प्रति छात्र लिया जायेगा। ऐसा ही फरमान परीक्षा फार्म भरने में विलम्ब होने पर परीक्षा के एक सप्ताह पहले तक 1000 रुपय उसके बाद की विशेष परिस्थिति में कुलपति के आदेश पर प्रति छात्र 5000 रुपय विलम्ब शुल्क के रूप में लिया जा सकेगा। ऐसे ही विद्यार्थियों हेतु इस फरमान में वर्ष 2013 से पूर्व की उपाधि में संशोधन के लिए 2000 रुपय प्रति उपाधि संशोधन तथा वर्ष 2013 तथा उसके बाद से उपाधियों में संशोधन हेतु छात्र / छात्राओं को 500 रुपय प्रति उपाधि संशोधन देय होगा। इस बेतहाशा व विचारहिन शुल्क बढ़ोतरी के विरोध में आज अभाविप विश्वविद्यालय इकाई द्वारा इस निर्णय को विद्यार्थियों के हित में तत्काल प्रभाव से वापस लेने तथा जिन देय शुल्क की वृद्धि अत्यावश्यक हो उसमें 25 % से ज्यादा वृद्धि पूर्णतः अनुचित होगी की मांगो को लेकर 5 सूत्री ज्ञापन कुलपति को सौंपा।

अभाविप गोरक्ष प्रांत मंत्री मयंक राय ने कहा की छात्र पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, और इस तरह की शुल्क वृद्धि अनुचित और छात्र विरोधी है। गोरखपुर विश्वविद्यालय के अधिकांश मेधावी विद्यार्थी निम्न स्तर परिवार से आते हैं, इस प्रकार के दिशाहीन व विचारहिन शुल्क वृद्धि उन पर अतरिक्त आर्थिक बोझ डालने का काम करेगी जिसका विद्यर्थी परिषद विरोध करती है।

अभाविप गोरखपुर विश्वविद्यालय इकाई के उपाध्यक्ष रौशन कुमार ने कहा की शिक्षा सभी के लिए सुलभ और किफायती होनी चाहिए।बढ़ी हुई फीस ने विशेष रूप से ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को प्रभावित किया है, विद्यार्थी परिषद ने हमेशा छात्र हितों की रक्षा के लिए संघर्ष किया है और आगे भी करता रहेगा।

अभाविप गोरखपुर विश्वविद्यालय इकाई मंत्री निखिल राय ने कहा कि विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है, गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्रों का भविष्य संकट में है। विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार छात्रों के हितों की अनदेखी कर रहा है और शिक्षा के नाम पर एक बड़ी लूट मचाई जा रही है। हम विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करते हैं की तत्काल इसे सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए।

उक्त अवसर पर प्रांत सह मंत्री अर्पित कसौधन, निखिल गुप्ता, ओंकार मिश्रा,महानगर मंत्री शुभम गोविन्द राव, दीपक पांडेय, अभिषेक मौर्या, किशन मिश्र आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहें।

 

Support India to emerge as a knowledge society by identifying and nurturing the inner strength of youth and rural people, so that India can be transformed into a developed nation..

Er. Shakti Shankar Singh (Chief Editor)

latest post