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लेखक व्रजेंद्र गौड़ की  सफल यात्रा फिल्म "चाइना टाउन  से कटी पतंग तक"

इस खबर के स्पोंसर है सॉफ्टनिक इंडिया, शाही मार्केट, गोलघर, गोरखपुर


व्रजेंद्र गौड़ रेडियो लखनऊ पर   नाटक लिखा करते  थे   जब उन्हें अभिनेता मोतीलाल ने बॉम्बे बुलाया,  गौड़ जी के नाटक ढाई लाख से मोतीलाल  बहुत प्रभावित थे। उन्होंने गौड़  को अपनी फिल्म सावन लिखने को  कहा यह फिल्म हिट हुई और इसके बाद गौड़ जी की  बहुत  सी  फिल्म्स उस दौर की सफल  रहीं  जैसे संग्राम, परिणीता, कफिला, शमशीर जैसी अन्य सुपरहिट अशोक कुमार अभिनीत फिल्में आईं। सितारों से आगे, हावड़ा ब्रिज आदि।
                                                 
    ३५  साल तक  व्रजेंद्र गौड़  फिल्म उद्योग का हिस्सा थे, जिसमें  उन्होंने बिमल रॉय की परिणीता, संग्राम, चाइना टाउन, मंजिल, तीन देवियां, हावड़ा ब्रिज, सरस्वतीचंद्र, शर्मीली, लाल पत्थर, कटि पतंग, अनुराग अंखियों के झरोकों से, द ग्रेट गैम्बलर, दुल्हन वही जो पिया मन भाये,  आदि सफल  फिल्में  लिखीं   फिल्म दुल्हन वही जो पिया मन भये के लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ पटकथा और संवाद के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीता।
                                            
गौड़ जी   ने "कस्तूरी" नामक एक फिल्म का भी निर्देशन किया था जिसमें फिल्म निर्माता शक्ति सामंत उनके सहायक थे। कस्तूरी के अच्छा करने के बावजूद गौड़ जी  ने फिर से एक भी  फिल्म का  i निर्देशन नहीं किया .गौड़ ने कस्तूरी  के बाद मिले निर्देशन के प्रस्तावों को शक्ति को सौंप दिया। जो  हमेशा  कहते थे  की उनकी फिल्मी यात्रा और सफलता  के लिए व्रजेंद्र गौड़ जिम्मेदार हैं

       व्रजेंद्र गौड़ की देव आनंद से बहुत अच्छी दोस्ती हो गई और इसलिए गौड़ ने देव आनंद की कई फिल्में जैसे की 'जाली नोट', 'मंजिल', 'बारिश', 'सरहद', 'तीन देवियां', 'बात एक रात की'  वारंट, आदि लिखीं 
देव आनंद ने एक बार कहा था, "कई लेखक हैं लेकिन गौड़   एक दुर्लभ प्रतिबा  था गौड़  ने  मेरी  बहुत सी फिल्में लिखीं जो  सफल  हुईं . व्रजेंद्र गौड़  मेरा प्यारा दोस्त था और एक महान लेखक 

 अभिनेता दिलीप कुमार कहते हैं "व्रजेंद्र गौड़ मेरे बहुत प्यारे दोस्त थे जिन्का निधन  कम उमर में हो गया व्रजेंद्र गौड़ भाई लेखकों  में एक असली हीरा  थे "

अमिताभ बच्चन जी कहते हैं की  गौड़  साहब के निधन से फिल्म इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा.वह मेरे करीबी दोस्त थे और में गौड़ साहब की बहुत इज़्ज़त करता हूँ . अब ऐसे लेखक नहीं है इस लिए फिल्मों का स्तर गिर गया है"

व्रजेंद्र गौड़ जन्मदिन : १ अप्रैल 
व्रजेंद्र गौड़ निधन : ७ अगस्त 

लेखक: राजेश गौड़ और
           सुनील गौड़

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