- by Mahtab Alam
- 2025-12-13 18:42:32
स्वदेशी इनक्रेडिबल न्यूज़
Source: मोहम्मद साकिब
कभी-कभी ज़िंदगी अपने सबसे कठिन मोड़ पर खड़ी होती है, और उसी वक्त कोई एक इंसान उम्मीद की किरण बनकर रास्ता रोशन कर देता है। ऐसे ही एक भावुक क्षण का गवाह बना नवापार पूर्वी टोला, जहाँ एक एंबुलेंस में जीवन की नन्ही किलकारी गूंजी।
नवापार निवासी कन्हैयालाल की पत्नी सीमा (29) को अचानक तेज़ प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजन घबराए हुए थे, घर में अफरा-तफरी थी, और हर पल कीमती लग रहा था। इसी बीच कन्हैयालाल ने उम्मीद का सहारा लेते हुए 102 एंबुलेंस को फोन किया।
समय से पहले पहुँचकर उम्मीद बन गए अनिल कुमार
कॉल मिलते ही एंबुलेंस कर्मी अनिल कुमार बिना एक क्षण गंवाए वाहन लेकर घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। सीमा की हालत देखकर ही अंदाज़ा लग रहा था कि स्थिति सामान्य नहीं है। उन्हें सुरक्षित एंबुलेंस में शिफ्ट कर प्राथमिक उपचार शुरू किया गया।
लेकिन किस्मत ने अभी और परीक्षा रखी थी—
रास्ते में सीमा की हालत लगातार बिगड़ती चली गई। हर साँस उनके लिए संघर्ष बनती जा रही थी।
अनिल कुमार ने तुरंत गाड़ी रोककर स्थिति का आकलन किया। एंबुलेंस का छोटा-सा केबिन अचानक अस्पताल के ऑपरेशन रूम जैसा लगने लगा। परिजन दहशत में थे, लेकिन अनिल के चेहरे पर जिम्मेदारी और भरोसे का मिश्रण साफ झलक रहा था।
और फिर… एंबुलेंस में गूंजी जीवन की पहली पुकार
अपने शांत स्वभाव और अनुभव के साथ अनिल कुमार ने एंबुलेंस में मौजूद डिलीवरी किट की मदद से सीमा का सुरक्षित प्रसव कराया।
वह क्षण अविस्मरणीय था—
चारों तरफ चिंता थी, लेकिन उसी बीच एक नन्हा जीवन अपनी पहली किलकारी के साथ दुनिया में आया। परिजनों की आँखों में आंसू थे… डर के नहीं, राहत और खुशी के।
“अगर एंबुलेंस समय पर न आती, तो क्या होता?” – भावुक हुए परिजन
परिजनों ने भर आती आवाज़ में कहा—
“अनिल जी फरिश्ते की तरह आए… अगर वे समय पर न पहुँचते और तुरंत इलाज न करते, तो स्थिति भयावह हो सकती थी।”
अस्पताल में दोनों स्वस्थ
प्रसव के तुरंत बाद अनिल कुमार ने जच्चा और बच्चा दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भटहट में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि
“दोनों पूरी तरह सुरक्षित और स्वस्थ हैं।”
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Er. Shakti Shankar Singh (Chief Editor)