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नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनेंगी सुशीला कार्की बी एच यू की छात्रा रही हैं सुशीला

इस खबर के स्पोंसर है सॉफ्टनिक इंडिया, शाही मार्केट, गोलघर, गोरखपुर


नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनेंगी सुशीला कार्की

बी एच यू की छात्रा रही हैं सुशीला

काशी हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र की परास्नातक और नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्रीमती सुशीला कार्की ने नेपाल में अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करने पर अपनी सहमति दे दी है। श्रीमती सुशीला कार्की जन्म 7 जून 1952, विराटनगर, नेपाल में हुआ है। वह एक नेपाली न्यायविद हैं। वह नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश हैं और इस पद पर आसीन होने वाली एकमात्र महिला हैं। कार्की 11 जुलाई 2016 को मुख्य न्यायाधीश बनीं थीं। Gen Z ने सुशीला कार्की के नाम का प्रस्ताव एक वर्चुअल बैठक में प्रस्तुत किया जिसमे 5000 लोग शामिल थे। इसमें सुशीला जी को 3543 वोट हासिल हुए हैं। 

यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि 30 अप्रैल 2017 को, माओवादी केंद्र और नेपाली कांग्रेस द्वारा कार्की के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया था। हालांकि , बाद में जनता के दबाव और सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद महाभियोग प्रस्ताव वापस ले लिया गया, जिसमें संसद को प्रस्ताव पर आगे न बढ़ने का आदेश दिया गया था।

व्यक्तिगत जीवन

श्रीमती कार्की अपने माता-पिता की सात संतानों में सबसे बड़ी हैं। वह विराटनगर के कार्की परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने दुर्गा प्रसाद सुबेदी से विवाह किया, जिनसे उनकी मुलाकात बनारस में पढ़ाई के दौरान हुई थी । दुर्गा सुबेदी उस समय नेपाली कांग्रेस के एक लोकप्रिय युवा नेता थे । सुबेदी को पंचायत शासन के खिलाफ नेपाली कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के दौरान एक विमान के अपहरण में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है।

शिक्षा

1972 में, उन्होंने महेंद्र मोरंग परिसर, विराटनगर से कला स्नातक (बीए) की डिग्री पूरी की। 1975 में, कार्की ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय , वाराणसी, भारत से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की । उन्होंने 1978 में नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 

1979 में उन्होंने विराटनगर में अपनी वकालत शुरू की। कार्की ने शुरुआत में 1985 में महेंद्र मल्टीपल कैंपस, धरान में सहायक शिक्षिका के रूप में काम किया। 2007 में वे वरिष्ठ अधिवक्ता बनीं। कार्की को 22 जनवरी 2009 को सुप्रीम कोर्ट में एड-हॉक जस्टिस नियुक्त किया गया और 18 नवंबर 2010 को स्थायी जस्टिस नियुक्त किया गया। कार्की ने 13 अप्रैल 2016 से 10 जुलाई 2016 तक नेपाल के सुप्रीम कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया, फिर 7 जून 2017 तक सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। 

उल्लेखनीय निर्णय

ओम भक्त राणा बनाम सीआईएए/नेपाल सरकार (सूडान शांति मिशन भ्रष्टाचार)

नेपाल ट्रस्ट कार्यालय बनाम प्रेरणा राज्य लक्ष्मी राणा (पूर्व शाही राजकुमारी की संपत्ति)

पृथ्वी बहादुर पांडे बनाम काठमांडू जिला न्यायालय (ऑस्ट्रेलिया में पॉलीमर बैंक नोटों की छपाई में भ्रष्टाचार)

काठमांडू निजगढ़ फास्ट ट्रैक मामला

सरोगेसी मामला।

साहित्यिक अभिरुचि

श्रीमती कार्की की दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी पहली आत्मकथात्मक पुस्तक "न्याय" 28 सितंबर, 2018 को प्रकाशित हुई थी। उनकी दूसरी पुस्तक कारा नामक एक उपन्यास थी जो दिसंबर 2019 में प्रकाशित हुई थी। यह विराटनगर जेल में स्थापित है जहां पंचायत शासन के दौरान कार्की को खुद रखा गया था ।

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Er. Shakti Shankar Singh (Chief Editor)

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